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Monday, May 8, 2017

'इश्क़-ए-ज़ुनून'

रह रह तड़पाता है, नज़र नहीं आता है,
बेवजह होता है, चैन फिर खोता है,
हसरतें तूफानी, ज़ुस्तज़ु अनजानी,
सीने में दर्द, आँखों में इश्क़,
जुनून--इश्क़,
क़ातिल--इश्क़,
गुनाह--इश्क़,
नसीहत इश्क़

ख्वाब जो देखे थे, कभी क्या सच होंगे?
वक़्त जो ठहरा है, कभी क्या पिघलेगा?
क़रार पक्का है, दिल ये सच्चा है,
रूह की आवाज़ उन तलक पहुंचेगी कैसे?
कोशिश--इश्क़,
गुज़ारिश इश्क़,
सितमगर इश्क़,
मरहम भी इश्क़

आग ये ऐसी है, अंदर सुलगती है,
हवा ये कैसी है, खुलके बहती है,
वो कैसा मंज़र था, चाहत में लुट बैठे?
मज़बूर दिल है अब, ये हम क्या कर बैठे?
बियाबान इश्क़,
जहन्नुम इश्क़,
तरन्नुम इश्क़,
ज़न्नत--इश्क़

कशमकश हर पल है, अंजाम क्या होगा?
आशिकी इब्तिदा है, इंतिहा क्या होगा?
माशूक़ रूठा है, इश्क़ फिर झूठा है,
छिपा जो प्यार दिलों में, उसे जगाये कौन?
राज़ है इश्क़,
मकाँ है इश्क़,
बहस है इश्क़,
फैसला इश्क़


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