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Monday, December 25, 2017

चलते रहते जायेंगे

कवितायेँ अभी बाकी हैं,
समय-संदूक में कैद हैं खुशियाँ,
प्रेम राग है मौन कहीं,
कर्तृत्व अभी अधूरा है,

अप्रतिहत, अवसाद-हीन हम,
प्रमुदित मन, उत्साहपूर्ण हम,
महत-लक्ष्य के कठिन मार्ग पर,
चलते रहते जायेंगे|

नैनों में सौंदर्य-ज्योति रख,
प्राणों में माधुर्य भाव भर,
उपेक्षा के अंधियारे को,
हम उजला करता जायेंगे|

जय-पराजय भेद परे हम,
मान-अपमान विचार परे हम,
जितनी होंगी सांसें,
पूरा खेल खेलकर जायेंगे|

हम चलते रहते जायेंगे|

शब्दार्थ: कर्तृत्व - Work to be done, प्रमुदित - Happy, महत -Big, अप्रतिहत - Unhurt, अवसाद हीन - Free from dejection, माधुर्य - Sweetness

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