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Wednesday, September 25, 2024

उपाय

 

कैसे जईबा बबुआ रेलिया से बम्बैया,

टरेनवा पलिटाई जाई ना,

कहें जावत नाही बसवा पे लदाई के,

सड़कियो धँसी जाई कहीं का|

 

कहियों रोज़गार नाही, कैसे कमईबा,

बिना परदेश गईले, घर कैसे चलईबा,

घर में पत्नी रोये, दुवारे महतारी,

उपाय कौनो बुझईते नाही बा|

 

धर्म, जाति, भाषा भेद, पर बटी गईला,

गुंडा, बाहुबली के, आदर्श बनउला,

भटकत, व्यर्थ कईला आपन जवानी,

सुराजिया ऐसे कईसे आई ना|

 

केहू के भरोसा नाही, स्वयं ही विचारा,

नव-उद्योग, व्यापार, अधुना पालनहारा,

चहुमुखी विकास के बनाला धर्म-ध्येय,

किस्मतिया चमकाई जाई ना|

 

एक-एक ईंटा से बनेला भवनवा,

सतत प्रयास करिहा, हार नाही मनिहा,

बनि जा स्वच्छ, स्वस्थ, सजग, स्वावलम्बी,

सर्वत्र मंगल होई जाई ना|

 

तजि दा जाति, धर्म के संकीर्ण विभाजन,

प्रगति-पथ प्रशस्त होईहे ना,

बरसी प्रीति-पुष्प तोहरे अंगनवा,

सुदृढ़, सुरक्षित भविष्य होई ना|

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