जीवन यदि प्राची से उदित दिवाकर की आभायुक्त रश्मियों की भांति लालिमायुक्त व उदभासित है, वहीँ तुषार के धुंधलके में छिपा कोई रहस्यात्मक आवरण है|
जीवन की विभिन्न अनुभूतियाँ मनुष्य के अन्तरतर में विभिन्न भावों का प्रवाह उसी प्रकार कराती हैं यथा विभिन्न रंग विन्यासों में अंकित कोई चित्र भिन्न कोणों से भिन्न भिन्न बिम्बों को धारण करता है|
जीवन की विभिन्न अनुभूतियाँ मनुष्य के अन्तरतर में विभिन्न भावों का प्रवाह उसी प्रकार कराती हैं यथा विभिन्न रंग विन्यासों में अंकित कोई चित्र भिन्न कोणों से भिन्न भिन्न बिम्बों को धारण करता है|
2 comments:
Zindagi Roz naye rang badalti Kyun hai...
ज़िन्दगी से कभी रूबरू होंगे, तो ये सवाल ज़रूर पूछेंगे :)
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