पीडा की बोझिलता या
अनुभूतियों की उलझी गाँठ
भावनाओं की व्यंजकता या
गलित होता स्व?
संवेदनाओं की दुरुह्ताओं का
आशय कोई कैसे समझे?
अनुभूतियों की उलझी गाँठ
भावनाओं की व्यंजकता या
गलित होता स्व?
संवेदनाओं की दुरुह्ताओं का
आशय कोई कैसे समझे?
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